क्रियाविशेषण (Adverb) की परिभाषा, भेद और उदाहरण

नीचे दिये गए वाक्यों को ध्यान से पढिए :

  1. थोड़ा खा लो।
  2. आप आगे-आगे चलिये।
  3. कल तक वह अवश्य आ जाएगा।
  4. वह दिनभर पढ़ता रहता है।
  5. मैं उधर जा रहा हूँ।
इन वाक्यों मे ‘थोड़ा’ , ‘आगे – आगे’, ‘अवश्य’, ‘दिनभर’ तथा ‘उधर’ शब्द किन शब्दों की विशेषता बताते हैं? ये सभी शब्द ‘खा लो’, ‘चलिये’, ‘आ जाएगा’, ‘पढ़ता रहता है’ तथा ‘जा रहा हूँ’ शब्दों की विशेषता बता रहे हैं। उन्हे क्रियाविशेषण के नाम से जाना जाता है।
जिस शब्द से क्रिया की विशेषता जानी जाती है, उसे क्रियाविशेषण कहा जाता है 

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क्रियाविशेषण (Adverb)

क्रियाविशेषण के भेद

क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं:
  1. स्थानवाचक (Adverb Place)
  2. कालवाचक (Adverb of time)
  3. रीतिवाचक (Adverb of Manner)
  4. परिमाणवाचक (Adverb of Quantity)

स्थानवाचक क्रियाविशेषण

जो क्रियाविशेषण क्रिया में होने वाले कार्य का स्थान बतलाता है, उसे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है । उदाहरण के लिए जैसे: – 
  • वह उधर सो रहा है।
  • वह बाहर बैठा है।
  • भीतर चलो, वहाँ पढ़ेंगे।
  • कहाँ जा रहे हो?
इन वाक्यों में मोटे (काले) पद स्थानवाचक क्रियाविशेषण हैं। बाहर, भीतर, इधर, उधर, किधर, यहाँ, वहाँ, पास, इस, इस ओर, उस ओर, दायें, बाएँ, ऊपर, नीचे आदि शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।

कालवाचक क्रियाविशेषण

जो क्रियाविशेषण क्रिया में होने वाले कार्य का समय बतलाता है, उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। उदाहरण के लिए जैसे : – 
  • वह दिनभर सोता रहता है।
  • मैं प्रतिदिन पढ़ता हूँ।
  • मैं फिर कभी आऊँगा।
  • बर्फ निरंतर पद रही है।

इन वाक्यों में मोटे (काले) शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण हैं। जब, कब, हमेशा, तभी, तत्काल, निरंतर, शीघ्र, पीछे, पहले, कई बार, अभी, कभी, नित्य, प्रतिदिन, हर बार, बार – बार आदि शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।

रीतिवाचक क्रियाविशेषण

जिन क्रियाविशेषणों से क्रिया के सम्पन्न होने की रीति का बोध होता है, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। उदाहरण के लिए : –
  • वह ध्यानपूर्वक पढ़ता है।
  • सीता अचानक रो पडी ।
  • धीरे – धीरे मत चलो।
  • कदाचित वह असत्य नहीं बोल सकता।
इन वाक्यों में मोटे (काले) शब्द रीतिवाचक किर्यविशेषण हैं। अचानक, सहसा, एकाएक, धड़ाधड़, यथा, तथा, सचमुच, अवश्य, शायद, संभवत:, ठीक, सच, जरूर, मत, कदापि नहीं, कभी नहीं आदि शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण के अन्य उदाहरण हैं।

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

जिन क्रियाविशेषणों से क्रिया के परिणाम या मात्र का बोध हो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। उदाहरण के लिए:-

  • कम बोला करो, अधिक बोलना ठीक नहीं होता।
  • वह केवल पढ़ता रहता है।
  • उतना खाओ, जितना शरीर के लिए आवश्यक हो।
  • खूब पढ़ो और सफलता प्राप्त करो।
इन वाक्यों में मोटे (काले) शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं। अति, भरी, लगभग, काफी, केवल, तनिक, ज्यादा, थोड़ा-सा, बिलकुल, पर्याप्त, बस, उतना आदि शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।

परिमाणवाचक विशेषण और परिमाणवाचक क्रियाविशेषण में अंतर

परिमाणवाचक विशेषण किसी वस्तु के माप-तौल का बोध होता है जबकि परिमाणवाचक क्रियाविशेषण से क्रिया के परिमाण का बोध होता है।
परिमाणवाचक विशेषण

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

  • बहुत व्यक्ति आए।

  •  व्यक्तियों ने बहुत खाया।

  •  वहाँ काफी लोग बैठे थे।

  • काफी पढ़ चुके, अब आराम करो ।

  •  मेरे पास थोड़े रुपये हैं।

  • थोड़ा व्यायाम भी कर लो ।

  •  उसके पास पर्याप्त धन है।
  • मैं पर्याप्त पढ़ लिया है।

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