स्वतंत्रता दिवस उत्सव

स्वतंत्रता दिवस: 15 अगस्त पर निबंध

जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं। वह हृदय नहीं, वह पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।। भूमिका-स्वतंत्रता सभी को प्रिय है। इसीलिए तुलसीदास ने कहा…