विशेषण (Adjective) की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Category: हिंदी व्याकरण

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नमस्कार! आप सभी का पुन: स्वागत है, इस अध्याय में हम विशेषण (Adjective) के बारे में पढ़ेंगे और हमें आशा है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप विशेषण (Adjective) के बारे में अच्छे से समझ जाएंगे

नीचे दिये गाय वाक्यों को ध्यान पूर्वक पढ़िये

  1. पीला फूल खिला है।
  2. छोटा बच्चा खेल रहा है
  3. ऊँचे पेड़ पर मत चढ़ो।
  4. मैंने कुछ पुस्तकें खरीदीं।
  5. चार घोड़े दौड़ रहे हैं।
या भी पढ़ें – काल की परिभाषा
इन वाक्यों में मोटे (काले) शब्द संज्ञाओं से पहले प्रयोग किए गए हैं। इनमें ‘पीला’ शब्द फूल की; ‘छोटा’ शब्द बच्चे की और ‘ऊँचा’ शब्द पेड़ की विशेषता बता रहे हैं, जबकि ‘कुछ’ शब्द पुस्तकों की संख्या तथा ‘चार’ शब्द घोड़ों की संख्या बता रहे हैं। संज्ञा शब्दों की विशेषता और संख्या बताने वालों शब्दों को विशेषण कहते हैं।
विशेषण (Adjective)

   

संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, संख्या, मात्रा आदि को बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। विशेषण शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उसे विशेष्य कहते हैं।

उदाहरण:

  • हरीश ताजे फल लाया है। (ताजे – विशेषण, फल-विशेष्य)
  • उसने नीला कोट पहना। (नीला – विशेषण, कोट – विशेष्य)
  • मैंने थोड़ा पानी पिया। (थोड़ा – विशेषण, पानी – विशेष्य)
  • मैं छटी कक्षा में पढ़ता हूँ  (छटी – विशेषण, कक्षा – विशेष्य)

विशेषण के भेद

  1. गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
  2. संख्यावाचक विशेषण (Numeral Adjective)
  3. परिमाणवाचक विशेषण (Adjective of Quantity)
  4. सर्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण (Demonstrative Adjective/Pronomial Adjective)

विशेषण (Adjective)
विशेषण (Adjective)

गुणवाचक विशेषण

जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द के गुण – दोष आदि का बोध कराये, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं, गुणवाचक विशेषण में संज्ञा या सर्वनाम की प्राय: निम्नलिखित विशेषताएँ बताई जाता हैं।
  1. गुण – अच्छा, दयालु, धार्मिक, सच्चा आदि।
  2. आकार – छोटा, बड़ा, गोल, लंबा आदि ।
  3. रंग – काला, पीला, नीला, हरा, सफ़ेद आदि।
  4. स्वाद – कड़वा, खट्टा, मीठा, चटपटा आदि।
  5. स्थान – ग्रामीण, नागरिक, भारतीय आदि।
  6. दोष – झूठा, पापी, तुष्ट आदि।

संख्यावाचक विशेषण

नीचे दिये गए वाक्यों को पढ़िये:
  1. बाग में कुछ फूल खिले हैं।
  2. सब बच्चे पढ़ रहे हैं।
  3. इस पुस्तक के आधे पृष्ट मैंने पढ़ लिए हैं।
  4. मुझे गणित में अस्सी अंक मिले हैं।
इन वाक्यों में ‘कुछ’, ‘सब’, ‘आधे’ और ‘अस्सी’ शब्द क्रमश: फूल, बच्चे, पृष्ट और अंक संज्ञा-शब्दों की संख्या का बोध करा रहे हैं। ये सभी संख्यावाचक विशेषण हैं।
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। ऊपर के वाक्यों में ‘कुछ’ तथा ‘सब’ विशेषणों से किसी निश्चित संख्या का बोध नहीं होता, जबकि ‘आधे’ तथा ‘अस्सी’ विशेषणों से निश्चित संख्या का बोध होता है। इस प्रकार संख्यावाचक विशेषणों के दो भेद होते हैं।
  • निश्चित संख्यावाचक – जैसे दो पुस्तकें, सौ रुपये, तीन व्यक्ति, पहली पुस्तक आदि
  • अनिश्चितसंख्यावाचक – जैसे कुछ चित्र, थोड़े विद्यार्थी आदि।

परिमाणवाचक विशेषण

मोहन ने दुकानदार से कहा कि मुझे सौ ग्राम हल्दी, एक लीटर दूध तथा एक किलो चावल दे दो।

इस वाक्य में ‘सो ग्राम’, ‘एक लीटर’ तथा ‘एक किलो’ शब्द क्रमश: हल्दी, दूध तथा चावलों कि मात्र का बोध करा रहे हैं। ये परिमाणवाचक विशेषण है। नाप तौल बताने वाले विशेषण परिमाणवाचक कहलाते हैं। 

संख्यावाचक विशेषणों की भाँति ये भी दो प्रकार के होते हैं:
  • निश्चित परिमाणवाचक – जैसे दस मीटर  कपड़ा, पाँच किलो घी, एक लीटर मिट्टी का तेल आदि। इनमें निश्चित मात्र का बोध होता है।
  • अनिश्चित परिमाणवाचक – जैसे – थोड़े चावल, कुछ दूध, कुछ फल आदि। इनमें निश्चित मात्र का बोध नहीं होता

सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण

नीचे दिये गए वाक्यों की पढ़िये:

ख 

वह लड़की अच्छा गति है।

वह अच्छा गति।

मुझे कुछ पुस्तकें चाहिए।

मुझे कुछ चाहिए। 

ये विद्यार्थी कल नहीं आए थे।

ये कल नहीं आए थे।

‘क’ वर्ग के वाक्यों में ‘वह’, ‘कुछ’ तथा ‘ये’ सर्वनामों के साथ क्रमश: लड़की, पुस्तकें तथा विद्यार्थी संज्ञा शब्दों का प्रयोग हुआ है जबकि ‘ख’ वर्ग के वाक्यों में ये अकेले आए हैं। ‘क वर्ग के वाक्यों में ये सर्वनाम नहीं अपितु सार्वनामिक विशेषण हैं, जबकि ‘ख’ वर्ग के वाक्यों में सर्वनाम।

जब सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, तो वे सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। जैसे – ये लड़के, वे लड़कियां, इन लड़कों ने, उन छात्रों ने, इस व्यक्ति ने, उस स्त्री ने, कोई आदमी, आदि। परंतु जब ये अकेले प्रयोग किए जाते हैं, तो केवल सर्वनाम होते हैं।
(क)विशेषणों के सम्बन्ध में ध्यान रखने योगी कुछ विशेष बातें:
नीचे दिये गए वाक्यों को पढ़िये 
परिमाणवाचक

संख्यावाचक 

कुछ सब्जी देना।

कुछ पुस्तकें देना।

मैंने दो लीटर तेल खरीदा।

मैंने दो लड़कों को बुलाया है। 

हमारे घर में बहुत घी है।

हमारे घर में बहुत रुपये हैं।

सभी वाक्यों में ‘कुछ’, ‘दो’ तथा ‘बहुत’ विशेषणों का प्रयोग किया गया है। इनमें से ‘पुस्तकें’, ‘लड़के’ तथा ‘रुपये’ संज्ञाएँ गिनी जा सकती हैं जबकि ‘सब्जी’, ‘सब्जी’ तथा ‘घी’ गिना नहीं जा सकता, नवा तौला जा सकता है। कुछ, सब, थोड़े, बहुत अधिक जैसे विशेषण जब गिनी जाने वाली वस्तुओं के साथ प्रयोग किए जाते हैं तो संख्यावाचक विशेषण होते हैं, पर जब इंका प्रयोग किसी ऐसी वस्तु के साथ किया जाता है जिन्हें गिना नहीं जा सकता, तब ये परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।

(ख) सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषणों में अंतर:
‘यह’, ‘वह’, ‘ये’, ‘वे’, ‘कौन’, जसे सर्वनाम शब्द कभी-कभी विशेषण का कार्य भी करते हैं, अर्थात जब ये संज्ञा के स्थान पर नहीं बल्कि संज्ञा के साथ प्रयोग किए जाते हैं, तब ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं
जैसे
  • यह कल नहीं आया था । सर्वनाम
  • यह लड़का कल नहीं आया था।  सार्वनामिक विशेषण
  • वे भाग रहे हैं। सर्वनाम
  • वे लड़के भाग रहे हैं। सार्वनामिक विशेषण
  • कोई बुला रहा है। सर्वनाम
  • कोई लड़का बुला रहा है। सार्वनामिक विशेषण
विशेषणों की तुलना (Degree of Adjectives)
कभी-कभी दो या दो से अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है। इसके लिए विशेषण से पहले प्राय: ‘से’, ‘की अपेक्षा’, ‘में’, ‘की तुलना में’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो कभी-कभी ‘कम’, ‘अधिक’, ‘ज्यादा’ जैसे शब्दों का प्रयोग भी कर लिया जाता है। विशेषणों का प्रयोग तीन प्रकार से या तीन अवस्थाओं में किया जा सकता है।
  1. मुलावस्था (Positive Degree)
  2. उत्तरावस्था (Comparative Degree)
  3. उत्तमावस्था (Superlative Degree)
मूलवस्था – इसमें किसी भी प्रकार की तुलना नहीं होती, केवल विशेषता का सामान्य कथन होता है। जैसे – हरीश अच्छा विद्यार्थी है
उत्तरावस्था – इसमें दो वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है। जैसे –  आम पपीते से अधिक मीठा है।रमेश महेश की अपेक्षा चतुर है।
उत्तमावस्था – इसमें दो या दो से अधिक की तुलना करके, उनमें से एक को सबसे अच्छे या बुरा बतलाया जाता है। जैसे – आम सब फलों में मधुर होता है। राजीव सब साथियों में चालक है। 
विशेष –  केवल गुणवाचक, अनिश्चित संख्यावाचक तथा अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषणों की ही तुलनात्मक अवस्थाएँ होती हैं, अन्य की नहीं जैसे 
  • राम सुंदर है।, राम राजीव से सुंदर है।,राम सब विद्यार्थियों से सुंदर है

(सुंदर गुणवाचक विशेषण)

  •    मेरे पास कम चित्र हैं।, उसके पास मेरे से भी कम चित्र हैं।, कमला के पास हम सबसे कम चित्र हैं
(कम – अनिश्चित संख्यावाचक)
  • हलवाई के पास थोड़ा दूध है।, दूधवाले के पास हलवाई से थोड़ा दूध है।, मेरे पास सबसे थोड़ा दूध है।
(थोड़ा – अनिश्चित परिमाणवाचक)
विशेषणों की तुलना में प्रयुक्त होने वाले प्रत्यय (Suffix)
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