संज्ञा (Noun) की परिभाषा और इसके भेद

Category: हिंदी व्याकरण

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  सभी मित्रों का स्वागत है! आप सभी इस पोस्ट में संज्ञा (Noun) की परिभाषा और इसके भेद के बारे में जानेंगे और हमारी आशा है की आप सभी को अच्छे से समझ आयेगा।

संज्ञा (Noun) की परिभाषा और इसके भेद
संज्ञा (Noun) की परिभाषा और इसके भेद 

नीचे दिये गए वाक्यों को पढिए:

  1. ये फल मीठे हैं।
  2. रवि की पुस्तक अच्छी है।
  3. जंगल में शेर और हाथी रहते हैं।
  4. गांधी जी ने हमें सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
  5. हमारे देश का नाम भारत है।
ऊपर के वाक्यों में:
  • फल, पुस्तक – वस्तुओं के नाम हैं।
  • रवि, गांधी जी, शेर, हाथी – प्राणियों के नाम है।
  • भारत, देश, जंगल – स्थान के नाम हैं।
  • सत्य, अहिंसा – भावों के नाम हैं। ये सभी संज्ञा शब्द हैं।
किसी वस्तु, स्थान, प्राणी या भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा के भेद

संज्ञा के निम्नलिखित तीन भेद माने जाते हैं।
  1. व्यक्तिवाचक (Proper Noun)
  2. जातिवाचक (Common Noun)
  3. भाववाचक (Abstract Noun)
संज्ञा (Noun) के भेद
संज्ञा (Noun) के भेद 

व्यक्तिवाचक संज्ञा

जिस संज्ञा से किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा के नाम से जाना जाता है। जैसे – ‘राम’, ‘मोहन’, ‘कमला’, ‘देवेंद्र’, ‘अर्जुन’ विशेष व्यक्तियों का बोध कराते हैं; ‘रामचरितमानस’, ‘गीता’, ‘कुरान’, ‘बाइबल’ शब्द विशेस वस्तुओं (पुस्तकों) का बोध कराते हैं और लंदन, दिल्ली, कलकत्ता, चेन्नई, मेरठ, जापान, भारत आदि विशेष  स्थानों के नाम है। ये सभी व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के उदाहरण हैं।

जातिवाचक संज्ञा

जो संज्ञा-शब्द किसी विशेष व्यक्ति को न बताकर सम्पूर्ण जाति का बोध कराएं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे ‘पुस्तक’ – समस्त पुस्तकों; ‘नदी’ – सभी नदियों; ‘मनुष्य’ – पूरी मानव जाति; ‘देश’ – सभी देशों; ‘लड़का’ – सभी लड़कों की; सामान्य संज्ञा है, अत: ये जातिवाचक संज्ञाओं के उदाहरण हैं।

भाववाचक संज्ञा

वे संज्ञा – शब्द जो किसी गुण, दशा, भाव या दशा का बोध कराते हैं, भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे – सुंदरता, भिन्नता, यौवन, भूख, प्यास, लड़ाई, बुढ़ापा आदि।
अँग्रेजी व्याकरण के प्रभाव के कारण कुछ विद्वान संज्ञा के दो भेद और भी मानते हैं:
  1. समुदायवाचक संज्ञा (Collective Noun) – जिस संज्ञा – शब्द से समूह का बोध हो, उसे समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं इन्हें समूहवाची भी कहा जाता है। जैसे – कक्षा, सभा, परिवार, भीड़, सेना इत्यादि। ये सभी शब्द समूह का बोध कराते हैं।
  2. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun) – जिन संज्ञा – शब्दों से किसी द्रव्य पदार्थ या धातु का बोध हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- पीतल, ताँबा, सोना, चाँदी, दूध, घी, तेल, कोयला, गेंहू, चावल आदि।
विशेष –  हिन्दी व्याकरण में इन्हें अलग न मानकर जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत ही माना जाता है।
भाववाचक संज्ञाएँ बनाना – भाववाचक संज्ञाएँ निम्नलिखित चार प्रकार के शब्दों से बनती हैं:
  • जातिवाचक संज्ञाओं से
  • सर्वनामों से
  • विशेषणों से
  • क्रियाओं से
1. जातिवाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना

जातिवाचक संज्ञा

भाववाचक संज्ञा

मनुष्य

मनुष्यतत्व, मनुष्यता

सती

सतीत्व

स्त्री

कवित्व

कवि

गुरुत्व, गौरव, गुरुता

गुरु

चोरी

चोर

डकैती

बच्चा

बचपन

नेता

नेतृत्त्व

पण्डित

पाण्डित्य

व्यक्ति

व्यक्तित्व

युवा

यौवन

शिशु

शिशुता, शैशव

भक्त

भक्ति

बालक

बालकपन

लड़का

लड़कपन

2. सर्वनामों से भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण:

सर्वनाम

भाववाचक

अपना

अपनापन, अपनत्व

पराया

परायापन

अहं

अहंकार

निज

निजता, निजत्व

स्व

स्वत्व

मम

ममत्व

3. विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञाएँ:

विशेषण

भाववाचक

मीठा

मीठास

हरा

हरियाली

उदार

उदारता

कठिन

कठिनाई

चतुर

चातुर्य

गहरा

गहराई

महान

महानता, महत्व

कायर

कायरता

खट्टा

खटास, खट्टापन

सुंदर

सुंदरता, सौन्दर्य

ऊंचा

ऊंचाई

सरल

सरलता

गर्म

गर्मी

महँगा

महंगाई

वीर

वीरता, विरत्व

स्वस्थ

स्वास्थ्य

4. क्रिया से बनी भाववाचक संज्ञाएँ

क्रिया

भाववाचक

हँसना

हँसी

जीतना

जीत

लिखना

लेख, लिखावट

सीना

सिलाई

चुनना

चुनाव

खानापीना

खान – पान

हारना

हार

मुसकराना

मुस्कान, मुस्कराहट

गहरा

गहराई

पढ़ना

पढ़ाई

लेना – देना

लेन – दें

धोना

ढुलाई

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